අල්ලාහ් මළවුන් පණ ගන්වන්නේ කෙසේ ද?

अल्ला मुर्दों को उसी तरह ज़िन्दा करेगा, जिस तरह उन्हें पहली बार पैदा किया है।

अल्लाह तआला ने कहा है :

''ऐ लोगो! यदि तुम (मरणोपरांत) उठाए जाने के बारे में किसी संदेह में हो, तो निःसंदेह हमने तुम्हें तुच्छ मिट्टी से पैदा किया, फिर वीर्य की एक बूँद से, फिर रक्त के थक्के से, फिर माँस की एक बोटी से, जो चित्रित तथा चित्र विहीन होती है, ताकि हम तुम्हारे लिए (अपनी शक्ति को) स्पष्ट कर[3] दें, और हम जिसे चाहते हैं गर्भाशयों में एक नियत समय तक ठहराए रखते हैं, फिर हम तुम्हें एक शिशु के रूप में निकालते हैं, फिर ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो, और तुममें से कोई वह है जो उठा लिया जाता है, और तुममें से कोई वह है जो जीर्ण आयु की ओर लौटाया जाता है, ताकि वह जानने के बाद कुछ न जाने। तथा तुम धरती को सूखी (मृत) देखते हो, फिर जब हम उसपर पानी उतारते हैं, तो वह लहलहाती है और उभरती है तथा हर प्रकार की सुदृश्य वनस्पतियाँ उगाती है।'' [82] कह दीजिए कि उन्हें वह ज़िन्दा करेगा, जिसने उन्हें पहली बार पैदा किया, जो सब प्रकार की पैदाइश को अच्छी तरह जानने वाला है।'' [83]

[सूरा अल-हज्ज : 5] "क्या इंसान को इतना भी ज्ञान नहीं कि हमने उसे वीर्य (नुत्फ़ा) से पैदा किया है? फिर भी वह खुला झगड़ालू बन बैठा। और उसने हमारे लिए मिसाल बयान की और अपनी असल पैदाईश को भूल गया, कहने लगा इन गली सड़ी हड्डियों को कौन ज़िन्दा कर सकता है? ''तो देखो अल्लाह की दया की निशानियों को, वह कैसे जीवित करता है धरती को, उसके मरण के पश्चात्, निश्चय वही जीवित करने वाला है मुर्दों को, तथा वह सब कुछ करने पर क़ादिर है।'' [84]

[सूरा यासीन : 77-79] एक ही समय में अल्लाह अपने बंदों का कैसे हिसाब लेगा?

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