දේවත්වය විශ්වාස කරන්නන් අල්ලාහ් ප්රිය කරන බවත් දේවත්වය ප්රතික්ෂේප කරන්නන් ඔහු ප්රිය නොකරන බවත් අල්-කුර්ආනය නැවත නැවතත් පවසන්නේ ඇයි? ඔවුන් සියල්ලන්ම එකම සමූහයක් නොවේ ද?

अल्लाह तआला ने अपने सभी बन्दों को मुक्ति का मार्ग दिखाया है और वह उनके लिए अविश्वास को पसंद नहीं करता है। साथ ही वह ग़लत व्यवहार को पसंद नहीं करता है, जो इंसान कुफ़्र एवं धरती पर बिगाड़ के द्वारा करता है।

''यदि तुम नाशुक्री करो, तो अल्लाह तुमसे बहुत बेनियाज़ है और वह अपने बंदों के लिए नाशुक्री पसंद नहीं करता, और यदि तुम शुक्रिया अदा करो, तो वह उसे तुम्हारे लिए पसंद करेगा। और कोई बोझ उठाने वाला किसी दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा। फिर तुम्हारा लौटना तुम्हारे पालनहार ही की ओर है। तो वह तुम्हें बतलाएगा जो कुछ तुम किया करते थे। निश्चय वह दिलों के भेदों को भली-भाँति जानने वाला है।'' [316] [सूरा अल-जुमर : 7]

एक ऐसे पिता के बारे में हमारी क्या राय होगी, जो अपने बच्चों के सामने बार-बार कहता है कि मुझे तुम सब पर गर्व है, चाहे तुम लोग चोरी करो, व्याभिचार करो, हत्या करो, धरती पर फ़साद मचाओ, तुम लोग मेरे लिए नेक बन्दे की तरह हो? सीधे शब्दों में कहें तो इस पिता का सबसे सरल विशेषण यह होगा कि वह शैतान की तरह है, जो अपने बच्चों से धरती पर बिगाड़ फैलाने का आग्रह करता है।

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