විටෙක අල්ලාහ් තමන්ව සමාව දෙන සහ දයාවන්ත කෙනෙකු ලෙසත් තවත් විටෙක දැඩි දඬුවම් දෙන කෙනෙකු ලෙසත් විස්තර කරන්නේ කෙසේද?

अल्लाह उन लोगों के लिए क्षमाशील और दयालु है, जो बिना किसी जिद के और मानव स्वभाव और मनुष्य की कमज़ोरी के कारण पाप करते हैं, फिर उसके सामने तौबा करते हैं और अपने गुनाहों द्वारा अल्लाह को चुनौती नहीं देते हैं। मगर अल्लाह उसके लिए कठोर है, जो उसको चुनौती देता है, उसके अस्तित्व का इंकार करता है और उसके बुत एवं जानवर की सूरत में प्रकट होने की आस्था रखता है। इसी तरह, अल्लाह उसके लिए भी कठोर है जो अपनी अवज्ञा में आगे बढ़ता जाता है, पश्चाताप नहीं करता है और अल्लाह नहीं चाहता है कि उसे पश्चाताप की तौफ़ीक मिले। यदि कोई इंसान किसी जानवर को गाली दे, तो कोई उसे बुरा नही कहेगा, परन्तु यदि वह अपने माँ-बाप को गाली दे, तो लोग उसे सख़्त बुरा-भला कहेंगे। अब ज़रा सृष्टिकर्ता के अधिकार का अंदाज़ा लगाइए? हमें यह नहीं देखना चाहिए कि हमने कितनी छोटी अवज्ञा की है, बल्कि हमें यह देखना चाहिए कि हमने किसकी अवज्ञा की है।

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