अल्लाह बार बार अग्नि की चेतावनी क्यों देता है? क्या यह अल्लाह की दया के गुण के विपरीत नहीं है?

माँ अपने बच्चों को यात्रा या काम पर जाते समय आते-जाते अपना ध्यान रखने की चेतावनी देकर बहुत थका देती है, तो क्या वह एक क्रूर माँ मानी जाती है? यह मामला को उलटा पेश करने का मामला है, जो दया को क्रूरता में बदल देता है। अल्लाह अपने बंदों को सचेत करता है, उनके प्रति अपनी दया के कारण उन्हें चेतावनी देता है और उन्हें मुक्ति के मार्ग पर ले जाता है। जब वे उसके सामने पश्चाताप करते हैं, तो उसने उन्हें उनके बुरे कामों को अच्छे कामों से बदलने का वादा किया है।

“उन लोगों के सिवाय जो माफी माँग लें और ईमान लाएँ और नेक काम करें। ऐसे लोगों के गुनाहों को अल्लाह नेकी में बदल देता है। अल्लाह तआला बड़ा क्षमा करने वाला और दया करने वाला है।" [314] [सूरा अल-फ़ुरक़ान : 70]

दूसरी तरफ़ नेकी के थोड़-थोड़े कार्यों के बदले में अनंत काल की जन्नतों के इनाम और बड़े आनंद के वादे की ओर हमारा ध्यान क्यों नहीं जाता?

''और जो अल्लाह पर ईमान लाए और सत्कर्म करे, अल्लाह उसकी बुराइयों को उससे दूर कर देगा और उसे ऐसी जन्नतों में दाख़िल करेगा, जिनके नीचे से नहरें बहतीं होंगी। वे वहाँ हमेशा रहेंगे। यही बड़ी सफलता है।'' [315] [सूरा अल-तग़ाबुन : 9]

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