प्रश्न 13: कौन लोग इंसान के दुश्मन हैं?

उत्तर- 1- नफ़्स-ए-अम्मारा (बुरी आत्मा), वह इस प्रकार कि इंसान उस तरफ को चले जिस तरफ उसकी आत्मा और ख्वाहिश चलने को कहे, अर्थात अल्लाह की अवज्ञा की ओर, अल्लाह तआला ने फ़रमाया है: (إِنَّ ٱلنَّفۡسَ لَأَمَّارَةُۢ بِٱلسُّوۤءِ إِلَّا مَا رَحِمَ رَبِّيۚ إِنَّ رَبِّي غَفُورٌ رَّحِيمٌ) ''मन तो बुराई पर उभारता है, मगर जिस पर मेरा रब दया कर दे, बेशक मेरा रब अति क्षमाशील एवं दयावान है''। [सूरा यूसुफ: 53] 2- शैतान, वह आदम के संतान का दुश्मन है, उसका उद्देश्य इंसान को भटकाना, उसे भ्रमित करना, बुराई की ओर ले जाना एवं जहन्नम में दाखिल कराना है। अल्लाह तआला ने कहा है: (وَلَا تَتَّبِعُوا خُطُوَ ٰ⁠تِ ٱلشَّيطَـٰنِۚ إِنَّهُۥ لَكُمۡ عَدُوٌّ مُّبِينٌ) ''और शैतान के पदचिन्ह की पैरवी न करो, वह तुम्हारा स्पष्ट दुश्मन है''। [सूरा अल-बक़रा: 168] 3- बुरे साथी, जो बुराई करने को प्रोत्साहित करते हैं और भलाई करने से रोकते हैं, अल्लाह तआला ने कहा है: (الْأَخِلَّاءُ يَوْمَئِذٍ بَعْضُهُمْ لِبَعْضٍ عَدُوٌّ إِلَّا الْمُتَّقِينَ) ''सभी मित्र उस दिन एक-दूसरे के शत्रु हो जायेंगे, आज्ञाकारियों के सिवा''। [सूरा अज़-ज़ुख्रुफ़: 67]