प्रश्न 5: आप कपड़ा पहनते समय क्या दुआ पढ़ते हैं?

"अल्ह़म्दुलिल्लाहिल्लज़ी कसानी हाज़स़् स़ौबा व र,ज़,क़,नीहि मिन ग़ैरि हौलिम मिन्नी वला क़ुव्वह'' (सारी प्रशंसा उस अल्लाह की है, जिसने मुझे यह कपड़ा पहनाया और मुझे कपड़ा प्रदान किया, जबकि मेरे पास न कोई शक्ति है और न सामर्थ्य)। इस हदीस़ को अबू दावूद और तिरमिज़ी आदि ने रिवायत किया है।