उत्तर- "सुब्ह़ानल्लज़ी युसब्बिह़ुर रअ्दु बिह़म्दिही, वल मलाइकतु मिन ख़ीफ़तिहि'' (पाक व पवित्र है वह ज़ात, रअद (बादलों की निगरानी करने वाला फ़रिश्ता) जिसकी प्रशंसा के साथ उसकी पवित्रता का वर्णन करता है और फ़रिश्ते उसके भय से उसकी पवित्रता बयां करते हैं)। मुवत़्त़ा मालिक।