उत्तर- ''सुब्ह़ानकल्लाहुम्मा व बिह़म्दिका, अश्हदु अल ला इलाहा इल्ला अन्ता, अस्तग़्फ़िरुका व अतूबु इलैका'' "हे अल्लाह, तू पाक है, सारी प्रशंसा तेरी ही है, मैं गवाही देता हूँ कि तेरे अतिरिक्त कोई सत्य पूज्य नहीं है, मैं तुझ से ही क्षमाप्रार्थी हूँ, और तेरे पास ही लौट कर आता हूँ''। इस हदीस़ को अबू दावूद और तिरमिज़ी आदि ने रिवायत किया है।