उत्तर- ''अल्लाहुम्मा इन्नी अस्अलुका मिन फ़ज़लिका'' (हे अल्लाह, मैं तेरी ही कृपा का प्रार्थी हूँ)। इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।