उत्तर- ''अल्लाहुम्म् इफ़्तह ली अब्वाबा रहमतिका'' (ऐ अल्लाह, तू मेरे लिए अपनी रहमत का दरवाज़ा खोल दे)। इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।