उत्तर- एहसानः सदा यह ध्यान रखना है कि अल्लाह हमारी निगरानी कर रहा है, तथा सृष्टियों की भलाई एवं उनपर उपकार करने में लगे रहना है।
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया है: अल्लाह ने भलाई को हर एक चीज़ पर लिख दिया है''। इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।
एहसान के रूप:
- महान अल्लाह की इबादत में एहसान, और वह है उसकी इबादत में मुख़्लिस़ तथा निष्ठावान होना।
- माता-पिता के साथ कथन एवं कर्म के द्वारा एहसान।
- रिश्तेदारों एवं सगे-संबंधियों पर एहसान।
- पड़ोसी पर एहसान।
- अनाथों एवं ग़रीबों पर एहसान।
- आपके साथ बुरा करने वाले पर एहसान।
- बात के द्वारा एहसान।
- बहस व चर्चा में एहसान।
- जानवर पर एहसान।