उत्तर- लोगों के राज़ की बातों या जिसे वह छुपाते हैं, उन बातों के पीछे पड़ना और उन्हें सरे आम लाना।
उसके हराम प्रकारों में से हैं:
- घरों में लोगों की ढकी-छुपी बातों की जानकारी प्राप्त करना।
- लोगों की जानकारी के बिना उनकी बातों को सुनना।
अल्लाह तआला फ़रमाता हैः (وَلَا تَجَسَّسُوا ...) “और तुम जासूसी न करो”। [सूरा अल-हुजुरात: 12]