उत्तर- 1- प्रशंसनीय क्रोध: जब काफ़िर एवं पाखंडी इत्यादि लोग अल्लाह की वर्जनाओं का उल्लंघन करे, उस समय जो ग़ुस़्स़ा आए तो उसे प्रशंसनीय ग़ुस़्स़ा कहते हैं।
2- निंदनीय क्रोध: यह ऐसा क्रोध है जो इंसान को वह कहने या करने पर उकसाए जो उचित नहीं है।
निंदनीय क्रोध का इलाज:
वुज़ू।
यदि खड़े हों तो बैठ जाएं और यदि बैठे हों तो लेट जाएं।
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की वसीयत ''क्रोधित मत हो'' पर अमल करें।
गुस्सा के समय अपने आप पर क़ाबू रखें।
बहिष्कृत शैतान से अल्लाह की शरण माँगें।
चुप हो जाएं।