प्रश्न 21: हराम तथा वर्जित धोखा की कुछ क़िस्मों का वर्णन करें?

उत्तर- बेचने एवं ख़रीदने में धोखा, और यह सामान के अवगुण को छुपाना है।

- इल्म सीखने में धोखा, जैसे कि छात्रों का परीक्षाओं में धोखा करना।

- बातों में धोखा, जैसे कि झूठी गवाही देना।

- कही हुई बात या लोगें के साथ जिसपर सहमत हों, उसे पूरा न करना।

धोखा से मनाही के बारे में यह हदीस़ स्पष्ट है कि एक बार नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम एक अनाज के ढ़ेर से होकर गुज़रे, आपने अपना हाथ उसमें घुसाया तो आपकी उंगलियाँ भीग गईं, तो आपने फरमाया: ''हे इस अनाज के मालिक, यह क्या है''? तो उसने कहा: इसमें बारिश पड़ गई थी ऐ अल्लाह के रसूल, तो आपने फरमाया: क्या तुम इसे ऊपर नहीं रख सकते थे ताकि लोग इसे देख लेते?! जो धोखा दे वह मुझ में से नहीं है''। इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।

हदीस़ में उल्लेखित शब्द ''अस़-स़ुब्रा'' का अर्थ है अनाज का ढ़ेर।