प्रश्न 20: हराम घमंड के कितने प्रकार हैं?

उत्तर- 1- सत्य के विरूद्ध घमंड, वह इस प्रकार कि सत्य को नकार देना एवं उसे स्वीकार न करना।

2- लोगों के विरुद्ध घमंड, और वह इस प्रकार कि उन्हें कम आंकना, तुच्छ समझना एवं उनका मज़ाक़ उड़ाना।

अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा है: वह व्यक्ति जन्नत में प्रवेश नहीं करेगा, जिस के दिल में रत्ती बराबर भी अहंकार होगा'' तो एक आदमी ने कहा: उस व्यक्ति का क्या जो चाहता है कि उसके पास अच्छे कपड़े हों अच्छे जूते हों? तो आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: अल्लाह सुन्दर है एवं सुन्दरता को पसंद करता है, और घमंड तो यह है कि (अपने आपको बड़ा समझते हुए) सत्य का इंकार कर दे एवं लोगों को कमतर समझे''। इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।

- ''हदीस़ के शब्द ''बत़रुल हक़'' का अर्थ है, हक़ अर्थात सत्य को रद्द कर देना।

- और ''ग़म्त़ुन नासि" का अर्थ है लोगों को तुच्छ समझना।

- अच्छा कपड़ा पहनना या अच्छा जूता पहनना घमंड नहीं है।