प्रश्न 19: विनम्रता क्या है?

उत्तर- विनम्रता यह है कि इंसान अपने आपको दूसरे से उच्च न समझे, न वह लोगों को कम आंके और न ही सत्य का इंकार करे।

महान अल्लाह ने कहा है: (وَعِبَادُ الرَّحْمَنِ الَّذِينَ يَمْشُونَ عَلَى الْأَرْضِ هَوْنًا) ''अल्लाह के बन्दे धरती पर नरमी के साथ चलते हैं''। [सूरा अल-फ़ुरक़ान: 63] अर्थात विनम्र होकर चलते हैं। अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा है: जो कोई अल्लाह के कारण विनम्र हो जाता है तो अल्लाह तआला उसे ऊँचा कर देता है''। इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है। और आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया: अल्लाह तआला ने मेरी ओर वह़्य की है कि तुम लोग विनम्रता धारण करो, यहाँ तक कि कोई किसी को घमंड न दिखाए और न कोई किसी पर अत्याचार करे''। इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।