उत्तर- 1- हंसी मज़ाक़ भी सच्चा होना चाहिए, झूठा नहीं।
2- हास्य परिहास, गलत बयानी, गाली-गलौज, कष्ट और धमकी से मुक्त होना चाहिए।
3- यह अधिक नहीं होना चाहिए।