उत्तर- अनस -रज़ियल्लाहु अन्हु- का वर्णन है, कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: तुम में से कोई उस समय तक मोमिन नहीं हो सकता, जब तक मैं उसके निकट, उसकी संतान, उसके पिता और तमाम लोगों से अधिक प्रिय न हो जाऊँ''। इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।
इस ह़दीस से चयनित कुछ लाभ निम्न हैंः
1- किसी भी आदमी से अधिक नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से प्रेम करना वाजिब व अनिवार्य है।
2- यह ईमान के मुकम्मल होने के लिए ज़रूरी है।
* सातवीं हदीस़: