उत्तर- मोमिनों की माँ उम्मे अब्दुल्लाह आयशा -अल्लाह उनसे राज़ी हो- कहती हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया: जिसने हमारे इस धर्म में कोई ऐसी चीज़ निकाली, जो धर्म का भाग नहीं है , तो वह मर्दूद (अस्वीकृत) है''। इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।
इस ह़दीस से ये लाभ प्राप्त होते हैं:
1- धर्म में कोई नई बात पैदा करने की मनाही है।
2- नये कार्यों को ठुकरा दिया जाएगा तथा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
तीसरी हदीस़: