उत्तर- अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु का वर्णन है, वह कहते हैं कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: आदमी के इस्लाम की सुन्दरता यह है कि वह फ़िजूल की बातों को छोड़ दें''। इस हदीस़ को तिरमिज़ी आदि ने रिवायत की है।
इस ह़दीस से ये निष्कर्ष निकलते हैं।
1- जिन बातों से दीन व दुनिया का कोई लाभ न मिलता हो, उन्हें छोड़ देना चाहिए।
2- फ़िजूल की बातों को छोड़ देना ही मनुष्य के इस्लाम का कमाल है।
चौदहवीं हदीस़: