उत्तर- सूरा अल-हुमज़ा और उसकी तफ़सीर:
अल्लाह के नाम से, जो अत्यंत दयावान्, असीम दयालु है।
विनाश हो उस व्यक्ति का, जो कचोके लगाता रहता है और चोट करता रहता है। जिसने धन एकत्र किया और उसे गिन-गिन कर रखा। क्या वह समझता है कि उसका धन उसे संसार में सदा रखेगा? कदापि ऐसा नहीं होगा। वह अवश्य ही 'ह़ुत़मा' में फेंका जायेगा। और तुम क्या जानो कि ह़ुत़मा क्या है? वह अल्लाह की भड़काई हुई अग्नि है। जो दिलों तक जा पहूँचेगी। वह अग्नि, उन पर बन्द कर दी जाएगी। लँबे-लँबे स्तंभों में। [सूरा अल-हुमज़ा: 1-9]
तफ़सीर (व्याख्या):
1- ''वैलुल्लि कुल्लि हुमज़तिल लुमज़तिन'', मुसीबत एवं भयंकर अज़ाब है उन लोगों के लिए जो दूसरों की बुराई बयान करते हैं एवं उनमें अवगुण तलाश करते हैं।
2- ''अल्लज़ी जमअ मालव्ं व अद्ददहू'', और उन लोगों के लिए अज़ाब है जिनका उद्देश्य मात्र धन जमा करना एवं उसे गिन कर रखना है, इसके सिवा उनका कोई उद्देश्य नहीं है।
3- ''यहसबु अन्ना मालहु अख़लदहु'' वह समझता है कि उसका माल जो उसने जमा किया है, उसे मौत से बचा लेगा और वह दुनिया में अमर रहेगा।
4- ''कल्ला लयुंबज़न्ना फिल हुत़मति'', अर्थात, मामला वैसा नहीं है, जैसा कि इस जाहिल ने कल्पना की है, निश्चय ही वह ज़रूर जहन्नम की आग में फेंका जाएगा, जो इतनी शक्तिशाली है कि उसमें डाली गई हर चीज़ को तोड़कर रख देगी।
5- ''व मा अदराका मल हुत़मा'', और (ऐ रसूल) आपको क्या पता कि यह कौन सी आग है, जो उसमें डाली गई हर चीज़ को चूर कर देगी?!
6- ''नारुल्लाहिल मू,क़दतु'', यह अल्लाह की सुलगाई हुई आग है।
7- ''अल्लती तत़्त़लिउ अलल अफ़इदति'' अर्थात जो लोगों के शरीरों से होकर दिलों तक पहुँच जाएगी।
8- ''इन्नहा अलैहिम मुअस़दतुन'', अज़ाब पाने वाले उसमें बंद कर दिए जाएंगे।
9- ''फ़ी अमदिम् मुमद्ददतिन'', अर्थातः लंबे-लंबे खंबों से बांध दिए जाएंगे, ताकि वो उससे निकल न पाएं।