प्रश्न 15: सूरा अल-इख़लास़ पढ़ें और उसकी व्याख्या करें?

उत्तर- सूरा अल-इख़लास़ और उसकी व्याख्या:

अल्लाह के नाम से, जो अत्यंत दयावान्, असीम दयालु है।

(आप कह दीजिए कि वह अल्लाह एक है। अल्लाह बेनियाज़ (निःस्पृह) है। न उस ने (किसी को) जना है, और न (किसी ने) उसको जना है। और न उसके बराबर कोई है)। [सूरा अल-इख़्लास़ 1-4]

तफ़सीर (व्याख्या):

1- ''क़ुल हुवल्लाहु अह़द'', हे अल्लाह के रसूल! आप कह दें कि वही एक मात्र अल्लाह है, उसके अतिरिक्त कोई माबूद नहीं है।

2- ''अल्लाहुस़् स़मद'', अर्थात उसी के पास सृष्टियों की समस्याओं का समाधान है।

3- ''लम यलिद व लम यूलद'', जिसने न किसी को जन्म दिया है और न उसे किसी ने जन्म दिया है"। अतः पवित्र अल्लाह की न कोई संतान है और न माता-पिता।

4- ''व लम यकुल लहु कुफ़ुवन अह़दून'', अर्थात उसकी रचना में उसके जैसा कोई नहीं है।