उत्तर- अल्लाह तआला का यह कथन: (وَٱتَّقُوا يوۡمًا تُرۡجَعُونَ فِيهِ إِلَى ٱللَّهِۖ ثُمَّ تُوَفَّى كُلُّ نَفۡسٍ مَّا كَسَبَتۡ وَهُمۡ لَا يُظۡلَمُونَ 281) ''तथा उस दिन से डरो, जिसमें तुम अल्लाह की ओर लौटाए जाओगे, फिर प्रत्येक प्राणी को उसके किए हुए का पूरा बदला दिया जाएगा, तथा उनपर अत्याचार नहीं किया जाएगा''। [सूरा अल-बक़रा: 281]