प्रश्न 44: हज्ज का क्या महत्व है?

उत्तर- अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु का वर्णन है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: “जिसने ह़ज्ज किया तथा ह़ज्ज के दिनों में बुरी बात एवं बुरे कार्यों से बचा एवं अवज्ञा से दूर रहा, वह उस दिन की तरह (पवित्र हो कर) लौटेगा, जिस दिन उसकी माँ ने उसे जन्म दिया था”। इसे बुख़ारी इत्यादि ने रिवायत किया है।

जिस दिन उसकी माँ ने उसे जन्म दिया'' का अर्थ है बिना किसी गुनाह के।