उत्तर- हज्ज, अल्लाह की इबादत के लिए विशेष समय में, विशेष कार्यों के लिए मक्का में अल्लाह के घर हरम का सफ़र करने को कहते हैं।
अल्लाह तआला फ़रमाता हैः (وَلِلَّهِ عَلَى النَّاسِ حِجُّ الْبَيْتِ مَنِ اسْتَطَاعَ إِلَيْهِ سَبِيلًا وَمَنْ كَفَرَ فَإِنَّ اللَّهَ غَنِيٌّ عَنِ الْعَالَمِينَ) "अल्लाह तआला ने उन लोगों पर जो इस घर तक पहुंचने के सामर्थी हों, इस घर का हज्ज अनिवार्य किया है, और जो कोई कुफ्र (अर्थात इस आदेश का पालन न करे) तो अल्लाह तआला (उससे बल्कि) पूरे विश्व से निस्पृह है"। [सूरा आले-इमरान: 97]