उत्तर- दोनों हथेलियों को तीन बार धोया जाए,
तीन बार कुल्ला किया जाए एवं नाक में पानी लेकर उसको झाड़ा जाए,
कुल्ला करने का नियम यह है कि मुँह में पानी लेकर, उसे हिलाया जाए, फिर उसे फेंक दिया जाए,
इस्तिंशाक़ अर्थात नाक में पानी लेने का नियम यह है कि दायां हाथ से पानी को हवा के द्वारा नाक के अंदर लिया जाए,
तथा इस्तिंस़ार अर्थात नाक झाड़ने का नियम यह है कि पानी को नाक से बायां हाथ के द्वारा झाड़ कर फेंक दिया जाए।
पूरे चेहरे को तीन बार धोया जाए।
फिर दोनों हाथों को कोहनियों समेत तीन बार धोना है।
फिर सर का मसह करना है, और वह इस तरह कि अपने दोनों हाथों को सर के अगले हिस्से से पिछले हिस्से तक ले जाएं एवं फिर उसी प्रकार से लौटाएं, और दोनों कानों का मसह करें।
फिर दोनों पैरों को टखना समेत तीन बार धोएं।
यह वुज़ू का मुकम्मल तरीक़ा है, यही बुख़ारी एवं मुस्लिम की हदीस़ों में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से साबित है, जिन्हें उस़मान एवं अब्दुल्लाह बिन ज़ैद (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) आदि ने आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से रिवायत किया है। बुख़ारी आदि में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से यह भी साबित है कि; "आपने एक-एक बार वुज़ू किया, और दो-दो बार", अर्थात आपने वुज़ू के सभी अंगों को एक-एक बार या दो-दो बार धोया।