प्रश्न 39: रमजान के अलावा अन्य समय में स्वैच्छिक (नफ़्ली) रोज़े की महत्ता का उल्लेख करें?

उत्तर- अबू सईद ख़ुदरी रज़ियल्लाहु अन्हु का वर्णन है, वह कहते हैं कि रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: कोई भी बन्दा यदि अल्लाह के लिए एक दिन का रोज़ा रखता है, तो अल्लाह उस एक दिन के बदले उसके चेहरे को जहन्नम से सत्तर साल दूर कर देता है''। बुख़ारी एवं मुस्लिम।

ह़दीस़ में वर्णित अरबी भाषा का शब्द "सब्ईन् ख़रीफ़न" का अर्थ सत्तर वर्ष है।