उत्तर- इसका अर्थ है दिल उपस्थित हो एवं इसके दौरान सारे अंग शांत एवं विनीत हों।
अल्लाह तआला का फ़रमान हैः (قَدْ أَفْلَحَ الْمُؤْمِنُونَ 1) ''सफल हो गये ईमान वाले", (الَّذِينَ هُمْ فِي صَلَاتِهِمْ خَاشِعُونَ) "जो अपनी नमाज़ों में विनीत रहने वाले हैं''। [सूरा अल-मोमिनून: 1,2]