प्रश्न 33: जमाअत के साथ नमाज़ पढ़ने का महत्व बयान कीजिए?

उत्तर- अब्दुल्लाह बिन उमर -रज़ियल्लाहु अनहुमा- से वर्णित है कि अल्लाह के रसूल -सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम- ने फ़रमाया: जमाअत के साथ पढ़ी गई नमाज़ अकेले पढ़ी गई नमाज़ के मुक़ाबले में सत्ताईस दर्जा (श्रेणी) श्रेष्ठ है''। इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।