उत्तर- नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इरशाद फ़रमाया है: "जब मुस्लिम या मोमिन बंदा वुज़ू करता है और अपना चेहरा धोता है, तो उसके चेहरे से वह सारे गुनाह पानी के साथ या पानी की अंतिम बूँद के साथ निकल जाते हैं, जो उसने अपनी आँखों से देखकर किया था। फिर जब वह अपने हाथों को धोता है, तो पानी के साथ या पानी की अंतिम बूँद के साथ उसके हाथ के वह सारे गुनाह निकल जाते हैं, जो उसके हाथों के पकड़ने से हुए थे। फिर जब वह अपने पैरों को धोता है, तो पानी के साथ या पानी की अंतिम बूँद के साथ उसके पैरों से वह सारे गुनाह निकल जाते हैं, जिनकी ओर उसके पाँव चलकर गए थे। यहाँ तक कि वह गुनाहों से पवित्र होकर निकलता है''। इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।