प्रश्न 29: जुमुआ की नमाज़ का क्या आदेश है?

उत्तर- प्रत्येक समझ रखने वाले, वयस्क, पुरुष एवं निवासी मुसलमान पर व्यक्तिगत रूप से फ़र्ज़ है।

अल्लाह तआला ने फ़रमाया है: (يَٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوٓاْ إِذَا نُودِيَ لِلصَّلَوةِ مِن يَوۡمِ ٱلۡجُمُعَةِ فَٱسۡعَوۡاْ إِلَى ذِكۡرِ ٱللَّهِ وَذَرُواْ ٱلۡبَيۡعَۚ ذَلِكُمۡ خَيۡرٞ لَّكُمۡ إِن كُنتُمۡ تَعۡلَمُونَ ) ''ऐ ईमान वालो! जब जुमा के दिन नमाज़ के लिए आवाज़ दी जाए, तो अल्लाह की याद की ओर दौड़ पड़ो, तथा क्रय-विक्रय छोड़ दो। यह तुम्हारे लिए बेहतर है, यदि तुम जानते हो''। [सूरा अल-मुनाफ़िक़ून: 9]