उत्तर- जुमा का दिन, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इरशाद फ़रमाया है: सबसे अच्छा दिन जुमा का दिन है, इसी दिन आदम अलैहिस्सलाम पैदा किए गए थे, इसी दिन उनकी मृत्यु हुई थी, इसी दिन सूर फूंका जाएगा, और इसी दिन क़यामत बरपा होगी। तुम लोग इस दिन मुझ पर अधिक से अधिक दुरूद भेजा करो, क्योंकि तुम्हारे भेजे हुए दुरूद मुझ पर पेश किए जाते हैं''। वर्णनकर्ता कहते हैं: आपके साथियों ने आपसे सवाल किया, हे अल्लाह के रसूल! हमारे दुरूद आप पर कैसे पेश किए जायेंगे, जबकि आप सड़ गल गए होंगे -वे लोग ह़दीस़ में वर्णित शब्द ''अरमता'' का अर्थ ''पुराना होना एवं सड़ गल जाना'' के लेते थे- तो आपने फरमाया: सर्वशक्तिमानअल्लाह ने ज़मीन पर नबियों के शरीरों को हराम कर दिया है''। इस हदीस को अबू दावूद आदि ने रिवायत किया है।