उत्तर- दो शर्तों के साथ:
1- जब यह विशुद्ध रूप से सर्वशक्तिमान अल्लाह की प्रसन्नता के लिए हो।
2- जब यह नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के तरीक़ा पर हो।