उत्तर- अल्लाह के अनुपालन से ईमान बढ़ता है एवं अल्लाह की अवज्ञा से घटता है।
सर्वोच्च अल्लाह का कथन हैः (إِنَّمَا الْمُؤْمِنُونَ الَّذِينَ إِذَا ذُكِرَ اللَّهُ وَجِلَتْ قُلُوبُهُمْ وَإِذَا تُلِيَتْ عَلَيْهِمْ آيَاتُهُ زَادَتْهُمْ إِيمَانًا وَعَلَى رَبِّهِمْ يَتَوَكَّلُونَ) "वास्तव में, ईमान वाले वही हैं कि जब अल्लाह का वर्णन किया जाए, तो उनके दिल काँप उठते हैं और जब उनके समक्ष उसकी आयतें पढ़ी जाएँ, तो उनका ईमान अधिक हो जाता है और वे अपने पालनहार पर ही भरोसा रखते हैं"। [सूरा अल-अनफाल: 2]