उत्तर-
1- बड़ा निफ़ाक़: और वह है कुफ़्र को छुपाना एवं ईमान का दिखावा करना।
यह इस्लाम से बाहर निकाल देता है, और यह महा कुफ़्र है।
सर्वोच्च अल्लाह का कथन हैः (إِنَّ ٱلمُنَـٰفِقِینَ فِی ٱلدَّركِ ٱلأَسفَلِ مِنَ ٱلنَّارِ وَلَن تَجِدَ لَهُم نَصِیرًا) ''मुनाफ़िक़ीन (पाखंडी लोग) जहन्नम के सबसे निचले दर्जे में होंगे, और आप उनके लिए कोई मदद करने वाला नहीं पाएंगे''। [सूरा अल-निसा: 145]
2- छोटा निफ़ाक़:
उदाहरण: झूठ बोलना, वचन पूरा न करना एवं अमानत में ख़्यानत (बेईमानी) करना।
यह इस्लाम से बाहर नहीं करता है, यह ऐसे गुनाहों में से है जिनका करने वाला यातना का हक़दार है।
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा है: मुनाफ़िक़ की तीन निशानियाँ हैं: जब बोलता है तो झूठ बोलता है, वादा करता है तो उसे पूरा नहीं करता और जब उसके पास अमानत रखी जाती है तो उसमें दगा करता है''। इसे बुख़ारी एवं मुस्लिम ने रिवायत किया है।