प्रश्न 18: बिद्अत (विधर्म) क्या है? और क्या हम उसे स्वीकार करें?

उत्तर- हर वह नई चीज़ जिसे लोगों ने धर्म में गढ़ लिया हो, और वो नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम या आपके साथियों के ज़माना में नहीं थी।

हम उसे कदापि स्वीकार नहीं करेंगे, बल्कि उसका खंडन करेंगे।

क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया है: हर बिदअत गुमराही है''। इसे अबू दावूद ने रिवायत किया है।

इसका उदाहरण: इबादत में ज़्यादा करना, जैसे कि वुज़ू में वृद्धि करते हुए अंगों को चार बार धोना, इसी प्रकार से नबी का जन्म दिन मनाना,क्योंकि ये नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम या आपके साथियों से वर्णित नहीं हैं।